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"Contract "

एक कमरे मे एक हैंडसम का लड़का बैठा हुआ था,,, उसे लड़के की पर्सनैलिटी काफी कोल्ड नजर आ रही थी। अट्रैक्टिव और चार्मिंग होने के साथ-साथ वह काफी डेंजरस भी लग रहा था।

वो इस वक्त अपने केबिन में बैठा हुआ था, चेयर पर बैठे उस इंसान की नजरे एक टक सामने की तरफ दरवाजे को निहार रही थी,,, तभी झटका के साथ वह दरवाजा उसे दरवाजे की आवाज सुनते ही उसे लड़की के चेहरे पर जो डेविल स्माइल थी वह और ज्यादा गहरी हो गयी।

एक खूबसूरत सी लड़की हाफ्ते हुए अंदर आकर उसके सामने खड़ी हो गई,,, वो लड़की दिखने में इतनी ज्यादा खूबसूरत थी, उसके चेहरे पर इतना नूर था कि उसे देख कोई भी एक पल में दिल हार बैठे।

वह लड़की अपने स्वीट सी आवाज में बोली,,, " चिराग सिर,, मुझे आपकी डील मंजूर है.... "

इतना बोलते हुए उस लड़की की आवाज़ कांप रही थी वो हिम्मत जुटा कर बोली,,, " बताइये कहा साइन करने है, मैं तैयार हूँ "

वो लड़का अपनी ग्रे आँखो से उसे देखते हुए अपनी अट्रैक्टिव आवाज़ में बोला,,, " good " उसने एक तिरशी स्माइल के साथ ड्रावर से पेपर निकाल टेबल के ऊपर रख दिया और फिर से बोला,,, " करदो साइन "

उन पपर्स को उस लड़की ने उठाया जिस पर बड़े बड़े शब्दों में मैरिज कॉन्ट्रैक्ट लिखा हुआ था उस लड़की ने पेन उठाया और साइन करने को हाथ बढ़ाया की चिराग बोला,,, " एक बार पढ़ तो. लो "

एक गहरी सांस ले उस लड़की ने कहा,,, " आपने बता ही दिया है तो क्या ही पढना, मुझे पता है मुझे खुद को 1 साल के लिए आपको सौफना होगा.... आपकी लाइफ में इंटरफेयर करने का मुझे कोई हक नहीं होगा.... मैं बस नाम की और दुनिया को दिखाने के लिए आपकी वाइफ रहूगी,,, इस रिश्ते में सब होगा सिवाए प्यार के "

इतना बोल उस लड़की ने एक भी पल गवाएं बिना उन कागज पर साइन कर दिया,,, साइन करते हुए उसकी नज़र एक लास्ट में लिखी छोटी सी लाइन पर गयी जिसे पढ़ते ही उसकी आँखों से आंसू बह निकले।

चिराग अपने चेयर से उठा और बोला,, " कंग्रॅजुलेशंस मिसेस अनाया चिराग रहेजा "

ये सुनते ही उसकी आँखों में एक अजीब सी उदासी छा गयी अब वो अनाया राठी से रहेजा हो गयी थी.... आज उसने खुद को 1 साल के लिए शादी के नाम पर एक ऐसे रिश्ते में बांध लिया था जिसका ना तो कोई फ्यूचर था ना अहसास ना कोई हक..... बस एक दिखावे का रिश्ता था।

चिराग उसके पास आकर बोला,,, " चलो "

" कहा? " अनाया ने हल्की आवाज़ में पूछा।

"मेरे घर " इतना बोल चिराग वहां से निकल गया अनाया भी उसके पीछे पीछे चल दी।

आधे घंटे बाद एक बड़े से पैलेस के बाहर दोनों आकर रुके,, चिराग और अनाया कार से बाहर आए तोचिराग ने अनाया का हाथ पकड़ा और उसे अंदर की तरफ ले गया।

दोनों अंदर पहुँचे, कुछ लोग लीविंग एरिया में बैठे हुए थे चिराग को देखते ही एक औरत उसके पास आई और प्यार से उसके चेहरे पर हाथ फेर बोली,,, " चिराग, अच्छा हुआ तुम आ गए... मैंन तुम्हे देख बहुत खुश हूं बेटा, वरना तुम तो घर पर आते ही नहीं हो "

" आप चिंता ना करे मॉम, अब यही रहुँगा मैं " चिराग ने कहा।

तभी चिराग की दादी की आवाज उन लोगों के कानों में पड़ी,,, " चिराग देखो तुम्हारे लिए रिश्ते है, बहोत सुन्दर लड़कियां कोई तो पसंद आ ही जाएगी तुम्हे... यहाँ आओ देखो जरा "

" नहीं उसकी ज़रूरत नहीं है " चिराग ने अपनी सर्द आवाज़ में कहा।

" बेटा ये कौन है? " चिराग की माँ अनीता की नज़र अब जाकर अनाया पर पड़ी तो उन्होंने चिराग से पूछा।

" मेरी वाइफ " इतना ने बस बोल अपना जवाब दिया।

"क्या.....?" अनीता शॉक होकर कभी अनाया को देखती तो कभी चिराग को।

अनाया तो बस सिर झुकाये खड़ी थी उसे बहोत घबराहट हो रही थी इस वख्त।

" लेकिन ऐसे अचानक शादी " चराग के पापा ने सवाल किया।

" लेकिन डैड आपने ही तो कहा था की अगर मैंने 1 महीने के अंदर शादी नहीं की तो आप मुझे बेदखल कर देंगे वो भी कानूनी तोर पर " चिराग ने अपने डैड महेश से कहा।

फिर रुककर बोला,,, " तो मैंने अब शादी कर ली है तो आप सबको भी हमें आशीर्वाद देना चाहिए और अनाया को एक्सेप्ट करना चाहिए... क्युकी मेरी छोटी सी बीवी आप सबका गुस्सा सेह नहीं पाएगी "

"Right बीवी" चिराग ने अचानक अनाया की कमर में हाथ डाल उसे अपने पास खींचते हुए कहा।

ऐसे एकदम करीब करने से अनाया हैरानी से उसे देखने लगी।

सब भी उन्हें ही हैरानी से देख रहे थे की चराग की दादी आगे आते हुए बोली,,, " अब हो गया वो बदला नहीं जा सकता... अगर तुम शादी कर ही आये हो. तो हमें कोई इतराज़ नहीं है,, हम सब भी यही चाहते थे की तुम शादी करो और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो "

" मुझे भी लगता है, माँ बिल्कुल सही बोल रही है " महेश जी ने कहा।

" अगर आप दोनों को कोई एतराज नहीं है तो मुझे क्या ही दिक्कत होगी.... मैं तो अपनी बहू अच्छे से स्वागत करूंगी " अनीता ने मुस्कुराते हुए अनाया के सिर को सेहलाया तो चेहरे पर भी हल्के स्माइल आ गए।

"क्या तुम सबका आशीर्वाद नहीं लोगी" चिराग ने अनाया से कहा।

" जी " इतना बोल अनाया और चिराग ने सबका आशीर्वाद लिया।

अनाया को सबका उसके साथ प्यार से बोलना उसके साथ प्यार से बर्ताव करना सब बहोत पसंद आ रहा था अनीता ने उन दोनों को ऊपर कमरे में भेज दिया।

कमरे में...

" सुनो..... "चिराग ने दरवाजा बंद करते हुए अनाया से कहा।

" बोलिये.... " अनाया ने धीरे से कहा।

चिराग अपने कदम उसकी तरफ बढ़ाने लगा.... जिससे अनाया अपने कदम पीछे खींचने लगी....।

" आप पास क्यूँ आ रहे है वही से बात कीजिये " अनाया लड़खड़ाती सी आवाज़ में।

आखिर में वो अपने कदम पीछे लेती हुई दीवार के साथ लग चुकी थी और चिराग उसके बिल्कुल पास आकर रुक गया फिर बोला,,, " तुम्हे किसी से ज्यादा अटैच ज़रूरत नहीं है,,, तुम सिर्फ यहाँ 1 साल के लिए हो "

उसकी ये बात सुनते ही अनाया ने कहा,,, " चिंता मत करो, मुझे अच्छे से याद है "

" good, याद रखो तो ही फायदा है समझी " चिराग ने इतना कहा और उससे दूर हो गया फिर कमरे से बाहर निकल गया।

उसके कमरे से जाते ही अनाया की आँखों में आंसू भर आये थे वो वही बेड पर बैठ खुद में सिमट रोने लगी.... उसकी ज़िन्दगी में इन 2 दोनों में क्या से क्या हो गया था।

उसकी आँखों के सामने 2 दिन पहले के कुछ दृश्य घूमने लगे।

अनाया अपने कॉलेज गयी थी अनाया कीउम्र 19 साल थी और वो 2nd year में थी स्कॉलरशिप के बेस पर उसे मुंबई के टॉप कॉलेज में पढ़ने का मूका मिला था,,, खुशमिजाज रहने वाली अनाया उस दिन भी बहोत खुश थी पर उस दिन अचानक वो चिराग से टकरा गयी.... वहां चिराग ने उसे काफी सुना दिया था क्युकी गलती अनाया की थी तो उसने भी कुछ नहीं कहा।

उसके बाद......

Continue....... ❤️

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